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04449 दरभंगा–न्यू दिल्ली स्पेशल ट्रेन बनी जनता की मुसीबत, 15 घंटे लेट – मरीजों की साँसें अटकीं, रेलवे की बड़ी लापरवाही उजागर

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मोहम्मद आलम

दरभंगा से दिल्ली के लिए चलाई गई 04449 दरभंगा–न्यू दिल्ली स्पेशल ट्रेन, आम जनता के सहूलियत के बजाय मुसीबत बन चुकी है। रेलवे विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि यह ट्रेन लगातार 14 से 15 घंटे की देरी से अपने गंतव्य तक पहुँच रही है। इस देरी ने यात्रियों को नारकीय यातना भुगतने पर मजबूर कर दिया है।ट्रेन में सफर कर रहे मरीज और वृद्धजन सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। समय पर मंज़िल तक नहीं पहुँच पाने से इलाज के लिए दिल्ली जाने वाले रोगियों की हालत और खराब हो गई है। यात्रियों का कहना है कि वे उम्मीद लेकर ट्रेन में सवार हुए थे कि जल्दी और आराम से दिल्ली पहुँचेंगे, मगर रेलवे विभाग ने उनकी उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया।गौरतलब है कि रेलवे ने बड़े दावे करते हुए इस स्पेशल ट्रेन को जनता के सहूलियत के लिए शुरू किया था। लेकिन हकीकत इसके उलट है। ट्रेन समय पर चलने के बजाय घंटों तक स्टेशनों पर खड़ी रहती है और रेलवे अधिकारी सिर्फ गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
✦ संपादकीय अंदाज़ में

रेलवे का ‘स्पेशल ट्रेन’ छलावा – 04449 दरभंगा–न्यू दिल्ली ट्रेन ने जनता के धैर्य की परीक्षा ली
रेलवे विभाग का दावा है कि वह यात्रियों की सहूलियत और सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। लेकिन 04449 दरभंगा–न्यू दिल्ली स्पेशल ट्रेन इसका जीता-जागता उदाहरण है कि रेलवे के ये दावे कागज़ी हैं और ज़मीनी हकीकत एकदम उलट।15 घंटे की देरी किसी भी सूरत में साधारण नहीं कही जा सकती। यह केवल तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि रेलवे की व्यवस्था और प्रबंधन की पोल खोलने वाला मामला है। सवाल उठता है कि आखिर वह कौन-सा सिस्टम है जो यात्रियों को इतनी बड़ी तकलीफ देने के बाद भी मौन साधे बैठा है?बीमार मरीजों से लेकर रोज़गार की तलाश में सफर कर रहे युवा तक, सभी इस लापरवाही की मार झेल रहे हैं। क्या रेलवे अफसरों के लिए यात्रियों की ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं? क्या उनके लिए यह स्पेशल ट्रेन केवल एक ‘शो-पीस’ है, जिसे कागज़ों पर दिखाकर उपलब्धि गिनाई जाए?
अगर रेलवे विभाग और उसके जिम्मेदार अधिकारी इतनी बड़ी असुविधा पर भी चुप हैं, तो यह उनकी संवेदनहीनता और जनता के प्रति गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है। ज़रूरत है कि रेलवे मंत्री और उच्च अधिकारी इस मामले पर जवाबदेही तय करें और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करें। वरना जनता का सब्र अब ज्यादा दिनों तक बंधा नहीं रहेगा।

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